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नई दिल्ली: अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से रूस-यूक्रेन जंग और मध्य पूर्व की जंग खत्म होने की उम्मीद बढ़ गई है। एक बार फिर ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच अरसे से चले आ रहे युद्ध को खत्म करा सकते हैं। ये भी कहा जा रहा है कि ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिलकर यह कारनामा कर सकते हैं। क्योंकि एक ओर जहां अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के दौरान ट्रंप ने कहा था कि वह अब जंग नहीं होने देंगे। वहीं, हाल ही में पोलैंड और यूक्रेन दौरे पर गए मोदी ने शांति कायम करने की पुरजोर वकालत की थी। एक्सपर्ट से जानते हैं कि क्या ऐसी स्थितियां बन सकती हैं? क्या दोनों ऐसी किसी स्ट्रैटेजी पर साथ काम कर सकते हैं।
ट्रंप ने आते ही कहा- अमेरिका को नहीं लड़ना पड़ेगा युद्ध
दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजीव रंजन गिरि कहते हैं कि ट्रंप ने जीतने के बाद ही कहा कि अब अमेरिका को कोई जंग नहीं लड़नी होगी। हालांकि, उन्होंने अमेरिकी सेनाओं को मजबूत किए जाने की बात जरूर की। जीत के बाद लोगों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि मैं युद्ध रोकने जा रहा हूं। अब कोई जंग नहीं होने देंगे। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि हमने चार साल में कोई जंग नहीं लड़ी। हालांकि, उस दौरान हमले इस्लामिक स्टेट को हराया था।
क्या वाकई में एक दिन में खत्म करवा सकते हैं जंग
ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के साथ ही अमेरिका की विदेश नीति में बदलाव देखने को मिल सकता है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप लगातार ये बात कहते रहे हैं कि वो रूस-यूक्रेन युद्ध ‘एक दिन’ में खत्म करवा सकते हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि वो इसे कैसे खत्म कराएंगे तो उन्होंने अपनी निगरानी में समझौता कराने की बात की थी। हालांकि, किसी योजना के बारे में उन्होंने खुलासा नहीं किया।
इन तरीकों से खत्म करवा सकते हैं युद्ध
डॉ. राजीव रंजन गिरि कहते हैं कि ट्रंप यूक्रेन को मिलने वाली मदद में कटौती कर सकते हैं। इसमें वह यूक्रेन को दिए जाने वाले हथियारों की आपूर्ति भी रोक सकते हैं। वह चुनाव प्रचार के दौरान यूक्रेन को सैन्य-आर्थिक मदद की आलोचना करते रहे हैं। पहले भी ट्रंप जेलेंस्की को एक शानदार ‘सेल्समैन’ बता चुके हैं। वहीं, मोदी भी जेलेंस्की को बेहतरीन लीडर बता चुके हैं। खुद जेलेंस्की मोदी से कई बार युद्ध रोकने की अपील कर चुके हैं। उन्हें मोदी पर बहुत भरोसा है।
रूस से दोस्ती भी आ सकती है काम
राजीव रंजन कहते हैं कि ट्रंप और मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दोस्त हैं। ऐसे में दोनों ही पुतिन पर दबाव डालकर युद्ध समाप्त करवा सकते हैं। ट्रंप के दो पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों ने मई में लिखे एक रिसर्च पेपर में सुझाव दिया था कि अमेरिका को यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई जारी रखनी चाहिए। ये शर्त भी रखनी चाहिए कि वो रूस के साथ शांति वार्ता भी करे।
यूक्रेन की तरह क्या इजरायल-ईरान संघर्ष भी खत्म होगा
यूक्रेन की तरह ट्रंप ने मध्य-पूर्व में भी शांति लाने का वादा किया है। माना जा रहा है कि वो गाजा में इजरायल, हमास और लेबनान में इजरायल-हिज्बुल्लाह के संघर्ष को खत्म करा सकते हैं। ट्रंप ने बार-बार कहा है कि अगर जो बाइडन की जगह वो सत्ता में होते तो हमास इजरायल पर हमला नहीं करता। हालांकि, ईरान के मामले में ट्रंप अपनी पुरानी नीति पर ही लौटना चाहेंगे। ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिका ने ईरान के साथ न्यूक्लियर डील तोड़ दी थी और उस पर पाबंदी बढ़ा दी थी।
मोदी ने ट्रंप के जीतने पर कहा मिलकर शांति के लिए काम करें
डॉ. राजीव रंजन गिरि कहते हैं कि पीएम मोदी ने ट्रंप की जीत के रूझान आते ही ट्रंप को बधाई दे डाली थी। उन्होंने कहा था कि आपकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई। मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं। हम आप मिलकर लोगों की भलाई के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करें। ऐसे में दोनों लीडर चाह लें तो ये कोई बड़ी बात नहीं होगी।
ट्रंप ने कहा था कि मोदी को प्यार करती है दुनिया
मोदी के बधाई देने के बाद ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ बातचीत में कहा कि पूरी दुनिया पीएम मोदी को प्यार करती है। ट्रंप ने भारत की भी जमकर तारीफ की। ट्रंप ने कहा कि भारत एक शानदार देश है और पीएम मोदी एक शानदार व्यक्ति हैं। ट्रंप ने मोदी से कहा कि वह उन्हें और भारत को अपना सच्चा दोस्त मानते हैं। ट्रंप ने ये भी बताया कि पीएम मोदी उन विश्व नेताओं में से एक हैं जिनसे ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत के बाद सबसे पहले बात की।
मोदी ने कहा था कि भारत को जंग नहीं बातचीत पर भरोसा
अगस्त में पोलैंड और यूक्रेन के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत का विजडम ग्लोबल है, विजन ग्लोबल है। हमारे पूर्वजों ने हमें वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र दिया है। भारत का कल्चर ग्लोबल है। आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया भारत को विश्व बंधु के रूप में सम्मान दे रही है। भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है। भारत कूटनीति और संवाद में विश्वास करता है।
ट्रंप ने आते ही कहा- अमेरिका को नहीं लड़ना पड़ेगा युद्ध
दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजीव रंजन गिरि कहते हैं कि ट्रंप ने जीतने के बाद ही कहा कि अब अमेरिका को कोई जंग नहीं लड़नी होगी। हालांकि, उन्होंने अमेरिकी सेनाओं को मजबूत किए जाने की बात जरूर की। जीत के बाद लोगों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि मैं युद्ध रोकने जा रहा हूं। अब कोई जंग नहीं होने देंगे। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि हमने चार साल में कोई जंग नहीं लड़ी। हालांकि, उस दौरान हमले इस्लामिक स्टेट को हराया था।क्या वाकई में एक दिन में खत्म करवा सकते हैं जंग
ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के साथ ही अमेरिका की विदेश नीति में बदलाव देखने को मिल सकता है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप लगातार ये बात कहते रहे हैं कि वो रूस-यूक्रेन युद्ध ‘एक दिन’ में खत्म करवा सकते हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि वो इसे कैसे खत्म कराएंगे तो उन्होंने अपनी निगरानी में समझौता कराने की बात की थी। हालांकि, किसी योजना के बारे में उन्होंने खुलासा नहीं किया।इन तरीकों से खत्म करवा सकते हैं युद्ध
डॉ. राजीव रंजन गिरि कहते हैं कि ट्रंप यूक्रेन को मिलने वाली मदद में कटौती कर सकते हैं। इसमें वह यूक्रेन को दिए जाने वाले हथियारों की आपूर्ति भी रोक सकते हैं। वह चुनाव प्रचार के दौरान यूक्रेन को सैन्य-आर्थिक मदद की आलोचना करते रहे हैं। पहले भी ट्रंप जेलेंस्की को एक शानदार ‘सेल्समैन’ बता चुके हैं। वहीं, मोदी भी जेलेंस्की को बेहतरीन लीडर बता चुके हैं। खुद जेलेंस्की मोदी से कई बार युद्ध रोकने की अपील कर चुके हैं। उन्हें मोदी पर बहुत भरोसा है।रूस से दोस्ती भी आ सकती है काम
राजीव रंजन कहते हैं कि ट्रंप और मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दोस्त हैं। ऐसे में दोनों ही पुतिन पर दबाव डालकर युद्ध समाप्त करवा सकते हैं। ट्रंप के दो पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों ने मई में लिखे एक रिसर्च पेपर में सुझाव दिया था कि अमेरिका को यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई जारी रखनी चाहिए। ये शर्त भी रखनी चाहिए कि वो रूस के साथ शांति वार्ता भी करे।यूक्रेन की तरह क्या इजरायल-ईरान संघर्ष भी खत्म होगा
यूक्रेन की तरह ट्रंप ने मध्य-पूर्व में भी शांति लाने का वादा किया है। माना जा रहा है कि वो गाजा में इजरायल, हमास और लेबनान में इजरायल-हिज्बुल्लाह के संघर्ष को खत्म करा सकते हैं। ट्रंप ने बार-बार कहा है कि अगर जो बाइडन की जगह वो सत्ता में होते तो हमास इजरायल पर हमला नहीं करता। हालांकि, ईरान के मामले में ट्रंप अपनी पुरानी नीति पर ही लौटना चाहेंगे। ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिका ने ईरान के साथ न्यूक्लियर डील तोड़ दी थी और उस पर पाबंदी बढ़ा दी थी।मोदी ने ट्रंप के जीतने पर कहा मिलकर शांति के लिए काम करें
डॉ. राजीव रंजन गिरि कहते हैं कि पीएम मोदी ने ट्रंप की जीत के रूझान आते ही ट्रंप को बधाई दे डाली थी। उन्होंने कहा था कि आपकी ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई। मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं। हम आप मिलकर लोगों की भलाई के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करें। ऐसे में दोनों लीडर चाह लें तो ये कोई बड़ी बात नहीं होगी।ट्रंप ने कहा था कि मोदी को प्यार करती है दुनिया
मोदी के बधाई देने के बाद ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ बातचीत में कहा कि पूरी दुनिया पीएम मोदी को प्यार करती है। ट्रंप ने भारत की भी जमकर तारीफ की। ट्रंप ने कहा कि भारत एक शानदार देश है और पीएम मोदी एक शानदार व्यक्ति हैं। ट्रंप ने मोदी से कहा कि वह उन्हें और भारत को अपना सच्चा दोस्त मानते हैं। ट्रंप ने ये भी बताया कि पीएम मोदी उन विश्व नेताओं में से एक हैं जिनसे ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत के बाद सबसे पहले बात की।मोदी ने कहा था कि भारत को जंग नहीं बातचीत पर भरोसा
अगस्त में पोलैंड और यूक्रेन के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत का विजडम ग्लोबल है, विजन ग्लोबल है। हमारे पूर्वजों ने हमें वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र दिया है। भारत का कल्चर ग्लोबल है। आज का भारत सबके साथ है, सबके हित की सोचता है। हमें गर्व है कि आज दुनिया भारत को विश्व बंधु के रूप में सम्मान दे रही है। भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है। भारत कूटनीति और संवाद में विश्वास करता है।एक फोन से मोदी रुकवा चुके हैं जंग
जयशंकर ने इससे पहले मई में एक इंटरव्यू में यह दावा किया था कि पीएम मोदी ने फोन करके रूस और यूक्रेन युद्ध को दो बार रुकवाया था। उन्होंने कहा था कि पहली बार 5 मार्च और दूसरी बार 8 मार्च को जब हमारे छात्र भारी गोलीबारी के बीच यूक्रेन में सुरक्षित इलाकों की ओर जा रहे थे, उस वक्त पीएम मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की से फोन पर बात करके जंग रुकवा दी थी, ताकि भारतीय लोग वतन लौट सकें।
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